by Dr Abhishek Ranjan | January 13, 2022

What is 'VITAMIN D'?

विटामिन डी इममुनिटी को बढ़ावा देता है, सूजन लानेवाली TNF अल्फा और इंटरफेरॉन गामा के निकलने को कम करके, एन्टी inflammatory cytokines को बढ़ा करके! जिस वजह से विटामिन डी " साइटोकाइन स्टॉर्म" जो संक्रमन के बाद ARDS द्वारा रोगियों के मौत हेतु ज़िम्मेदार होता है उसके रोकथाम में काफी कारगर हो पाया है। TH17 सेल को विटामिन डी कम करता है,TH1 TH2 द्वारा सूजन लानेवाली केमिकल को भी कम करता है। विटामिन डी वायरस के खिलाफ विशेष CD8 और T सेल को इजाफा करता है जिससे सास सम्बंधित वायरस में संक्रमन कम होती है। विटामिन डी macrophage जो प्रतिरोधक क्षमता में एहम होते है उनको mature करने में मदद करता है बल्कि oxidative burst capacity बढ़ाता है,autophagy को निष्क्रिय करता है जिससे वायरल रेप्लिकेशन नही हो पाती है। MONOCYTES को दबा करके , इनके द्वारा IL6 के रिसाव को कम करता है। Epithelial linings को मजबूती प्रदान करता है विटामिन डी जिससे संक्रमन के प्रति शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, विटामिन डी द्वारा gap junctions, adherent junctions और tight junctions को सुदृढ किया जाता है!! IL1BETA और TNF अल्फा जिससे ARDS यानी साँस की गम्भीर बीमारी से मौत तक हो सकती है उसके लिए विटामिन डी के कमी को बेहद ज़िम्मेदार माना गया है। Higher latitudes के देशों में विटामिन डी की कमी ज्यादा संक्रमन के खतरनाक होने हेतु बड़ी ज़िम्मेदार मानी गयी है दक्षिण के देशों के तुलना में, जहाँ विटामिन डी की मात्रा आबादी में ज्यादा है। अतः विटामिन डी के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता ही नही बल्कि संक्रमन के खतरनाक होने से भी रोका जा सकता है। पल्स थेरेपी के तहत मैंने हाई dose में 80 से 100ng/ml विटामिन d दी है लक्षण के बेहद शुरुआत से ही सभी संभावित संक्रमितों में जिससे मुझे उनके recovery में बेहद ज्यादा मदद मिली है और मरीज़ की जीवन रक्षा भी की जा सकी है।